सी.जी.पी.एस.सी. मुख्य परीक्षा टेस्ट सीरीज ( CGPSC Mains GS Test Series )






टेस्ट सीरीज शेड्यूल अगस्त-2016
(Test Series Schedule August-2016)

( कृपया प्रश्न पत्र डाउनलोड करने हेतु तीसरे कॉलम में सम्बंधित प्रश्न के पेपर कोड पर क्लिक करें)

टेस्ट शेड्यूल डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें
( Download Test Schedule here )
    क्र.
    दिनांक
    पेपर कोड
    भाग
    पाठ्यक्रम
    1
    3-8-16
    रसायन
    1.1 रासायनिक अभिक्रिया की दर एवं रासायनिक साम्य1.2 कुछ महत्वपूर्ण रासायनिक यौगिक, 2.1धातुएं
    2
    5-8-16
    रसायन
    3
    8-8-16
    रसायन
    2.1 धातुएं , 2.2 अधातुएं
    4
    10-8-16
    रसायन
    2.3 कुछ महत्वपूर्ण कार्बनिक यौगिक
    5
    12-8-16
    भौतिक
    3.1 ऊर्जा के स्रोत
    6
    14-8-16
    भौतिक
    4.1 प्रकाश
    7
    16-8-16
    प्रौद्योगिकी
    विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की राष्ट्रीय नीति एवं नीतियों में समय-समय पर होने वाले परिवर्तन, प्रौद्योगिकी के उद्देश्य।
    8
    18-8-16
    प्रौद्योगिकी
    भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम एवं प्रौद्योगिकी , कृषि व अन्य ग्राम्य विकास कार्य कलापों के विशेष सन्दर्भ में इसके अनुप्रयोग, इनसेट एवं आई.आर.एस. तंत्र
    9
    20-8-16
    प्रौद्योगिकी
    ग्रामीण भारत में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका, कम्प्यूटर का आधारभूत ज्ञान, संचार एवं प्रसारण में कम्प्यूटर, आर्थिक वृद्धि हेतु सॉफ्टवेयर का विकास, आई.टी. के वृहद् अनुप्रयोग.
    10
    22-8-16
    प्रौद्योगिकी
    उर्जा संसाधन-उर्जा की मांग, नवीनीकृत एवं अनवीनीकृत उर्जा के स्त्रोत, नाभिकीय उर्जा का देश में विकास एवं उपयोगिता।
    11
    24-8-16
    4.4.5
    प्रौद्योगिकी
    भारत में वर्तमान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास, कृषि का उदभव, कृषि विज्ञान में प्रगति एवं उसके प्रभाव, भारत में फसल विज्ञान, उर्वरक, कीट नियंत्रण एवं भारत में रोगों का परिदृष्य।
    12
    26-8-16
    4.5.1
    पर्यावरण
    जैव विविधता एवं उसका संरक्षण- सामान्य परिचय-परिभाषा,
    अनुवांषिक प्रजाति एवं पारिस्थितिक तंत्रीय विविधता। भारत का जैव-भौगोलिक वर्गीकरण। जैव विविधता का महत्व-विनाषकारी उपयोग उत्पादक उपयोग, सामाजिक, नैतिक, वैकल्पिक दृष्टि से महत्व। विष्व स्तरीय जैव विविधता, राष्ट्रीय एवं स्थानीय स्तर की जैव विविधता। भारत एक वृहद् विविधता वाले राष्ट्र के रुप में। जैव विविधता के तप्त स्थल। जैव विविधता को क्षति-आवासीय, क्षति, वन्य जीवन को क्षति, मानव एवं वन्य जन्तु संघर्ष। भारत की संकटापन्न (विलुप्त होती) एवं स्थानीय प्रजातियां। जैव-विविधता का संरक्षण-असंस्थितिक एवं संस्थितिक संरक्षण।
    13
    29-8-16
    4.5.2
    पर्यावरण
    पर्यावरण प्रदूषण- कारण, प्रभाव एवं नियंत्रण के उपाय- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, समुद्री प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, तापीय प्रदूषण, नाभिकीय प्रदूषण।
    14
    31-8-16
    4.5.3
    पर्यावरण
    ठोस अपशिष्ट प्रबंधन-नगरीय एवं औद्योगिक ठोस कूड़े-करकट का प्रबंधनः कारण, प्रभाव एवं नियंत्रण। प्रदूषण के नियंत्रण में व्यक्ति की भूमिका। आपदा प्रबंधनः बाढ़, भूकंप, चक्रवात एवं भू-स्खलन। मानव जनसंख्या एवं पर्यावरण। जनसंख्या वृद्धि, विभिन्न राष्ट्रों में जनसंख्या में भिन्नता। जनसंख्या विस्फोट-परिवार कल्याण कार्यक्रम। पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य।




    अंक
    2x20=40
    4x10=40
    8x5=40
    20x2=40
    40x1=40
    38 / 200
    शब्द x प्रश्न
    30x20=600
    60x10=600
    100x5=500
    250x2=500
    500x1=500
    2700
    अधिकतम समय
    2 Min/Que
    4 Min/Que
    6.5 Min/Que
    15 Min/Que
    30 Min/Que
    172.5 Min


    अध्ययन सामग्री:   1.रसायन,भौतिक,जीव विज्ञान, एवं पर्यावरण - 10 वीं विज्ञान छ.ग. बोर्ड, 2.प्रौद्योगिकी–विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास द्वारा शीलवंत सिंह, TMH प्रकाशन
    नोट :
    1.   समय एवं अंक की गणना के लिए उपरोक्त चार्ट का उपयोग करें.
    2.   यह शेड्यूल पूर्णतः वैकल्पिक है आप अपने सुविधानुसार पूर्व   तैयारी कर टेस्ट दे सकते हैं, एवं अपने उत्तर पत्रक को जाँच हेतु yesucanefa@gmail.com में स्कैन / इमेज के  रूप में भेज सकते हैं या अपने शिक्षक या अनुभवी मित्र से जाँच करा सकते हैं या स्वयं मिलान कर सकते हैं,
    3.   इस टेस्ट का उद्देश्य आगामी मुख्य परीक्षा 2016 हेतु बेहतर उत्तर लेखन (Answer writing) एवं समय प्रबंधन (Time Management) की पूर्व तैयारी करना हैं,
    4.   अपने उत्तर पत्रक सम्हाल कर रखें यह परीक्षा के समय नोट्.स की भांति उपयोग में लाये जा सकते हैं,
    5.   यदि सभी उत्तर नहीं भी पता हों तो भी लिखने का प्रयास करें,
    6.   ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने अभी तैयारी शुरू की है वे पुस्तक देखकर भी लिख सकते हैं, ध्यान रहे नक़ल करना आसान है लेकिन एक व्यवस्थित एवं सुंदर उत्तर लिखना एक कला है,
    7.   कम तथ्यों के साथ भी अच्छे उत्तर लिखे जा सकते हैं और अधिक तथ्य वाले उत्तर सामान्य/घटिया भी हो सकते हैं, अतः अधिक तथ्य संकलन की होड़ में शामिल ना होवें औसत सामान्य ज्ञान ही काफी है,
    8.   आप जितना अधिक टेस्ट लिखेंगे उतना ही अपने उत्तर में सुधार ला पाएंगे, कोशिश करें 1 ही प्रश्न पत्र को 1 सप्ताह के अंतराल के पश्चात पुनः पूरी तैयारी के साथ लिखने का, आपको 1 सप्ताह में ही अंतर दिखने लगेगा,

    IAS / CGPSC / OTHER STATE PSC परीक्षा के लिए उत्तर लिखने के कौशल को बढ़ाने के लिए सुझाव

    कुछ ही समय में अपने लेखन कौशल को सुधारने पर कार्य करने के लिए यहां कुछ तरीके दिए गए हैं।
    यहां कुछ क्रियाकलाप दिए गये हैं जो कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा / CGPSC या अन्य राज्यों की राज्य सेवा की लिखित ( परंपरागत ) शैली की परीक्षाओं  में अधिक व्यावहारिक उत्तर लिखने के कौशल को बढ़ने में आपकी सहायता करेंगे।

    1. चयनशील पढ़ना:

    आप में से कई लोग “चयनशील” शब्द से परिचित होंगे। जब इसे पढ़ाई के साथ जोड़ा जाता है, तो यहां इसका मतलब कई स्त्रोतों से पढने को दर्शाने से है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा / CGPSC या अन्य राज्यों की राज्य सेवा की लिखित ( परंपरागत ) शैली की परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए, यह सुनिश्चित करें कि आप बड़े पैमाने पर और कई ‘विश्वसनीय’ स्रोतों से पढाई करें।
    यह आपकी उन विषयों के लिए तर्क बनाने में सहायता करेगा जिससे आप या तो अनजान हैं या सिर्फ़ थोड़ा-बहुत ही जानते हैं।

    2. पिछले वर्ष के प्रश्न-पत्रों को हल करें:

    शायद सबसे अधिक दोहराया गया सुझाव। प्रश्नों के वास्तविक स्तर और  प्रकार के बारे में जानने के लिए, यह आवश्यक है कि आप पिछले वर्ष के पेपरों को हल करें। अपने उत्तरों का विश्लेषण करने के लिए एक सही फोरम का चयन करें।

    3. प्रश्न को समझें:

    UPSC सिविल सेवा परीक्षा कठिन है। आप, इस तथ्य का प्रभाव अपने प्रदर्शन पर न पड़ने दें। प्रत्येक प्रश्न को हल करने से पहले तीन बार पढ़ें। ऐसा करने से आप यह जान पाएंगे कि वास्तव में क्या पूछा जा रहा है।
    कभी-कभी, उम्मीदवारों को भ्रमित करने के लिए एक प्रश्न को, इसमें कुछ फेर-बदल करके पूछ लिया जाता है। आपकी स्थिति में ऐसा नहीं होना चाहिए।

    4. संक्षेप में लिखें:

    यह समझने की कोशिश करें कि यह आपके कॉलेज की परीक्षा नहीं है और न ही आपकी बोर्ड परीक्षा है। आपको केवल शीट भरने के लिए अंक नहीं दिए जायेंगे। UPSC सिविल सेवा परीक्षा / CGPSC या अन्य राज्यों की राज्य सेवा की लिखित ( परंपरागत ) शैली की परीक्षाओं (मुख्य परीक्षा) के लिए, घुमा-फिरा कर लिखने से बचें। सटीक उत्तर लिखें और उत्तर के पीछे का सही तर्क लिखें।

    5. की-वर्ड निहित करें:

    यह सलाह दी जाती है कि आप प्रश्न से संबंधित की-वर्ड का प्रयोग करें। यह आपके उत्तर को वेटेज देता है और इसे और अधिक पठनीय बनाता है। लेकिन फिर भी, इससे आपका उत्तर अस्पष्ट और बिना किसी तर्क के नहीं होना चाहिए।

    6. समय प्रबंधन:

    UPSC सिविल सेवा परीक्षा / CGPSC या अन्य राज्यों की राज्य सेवा की लिखित ( परंपरागत ) शैली की परीक्षाओं में, गति और सटीकता ही सब कुछ है। जैसे ही आपको प्रश्न की संरचना और बेसिक तर्क समझ आ जाता है, तो उसका उत्तर बनाना और लिखना प्रारंभ करें। शब्दावली के बहुत बड़े-बड़े शब्दों का प्रयोग न करें। आपका उत्तर व्यवहारिक होना चाहिये जिसके लिए बहुत अधिक समय भी न लें।

    7. एक व्यावहारिक उत्तर की संरचना:

    यदि हम मोटे तौर पर बात करें, तो UPSC परीक्षा में प्रत्येक उत्तर 4 वर्गों-परिचय, केंद्रीय विषय - अ. मूल उत्तर ब. समसामयिकी / वर्तमान समय में प्रासंगिकता ( सभी प्रश्नों में लागू नहीं, परन्तु UPSC / अन्य प्रमुख परीक्षाओं में अधिकांश प्रश्न किसी ना किसी समसामयिक मुद्दे को छूने वाले होते हैं उनका उल्लेख करें ) और निष्कर्ष के स्तर पर आपका उत्तर संतुलित होना चाहिए। किसी प्रश्न का उत्तर लिखते वक़्त आपको उसे इस प्रकार विभाजित करना चाहिए कि उस उत्तर को पढ़ते वक़्त एक समरूपता बरक़रार रहे।
    उदाहरण :
    एक आदर्श उत्तर का प्रारूप :

    प्रस्तावना –     सामान्य एवं सटीक शब्दों में 1 या 2 लाइन ( शब्द सीमा अनुसार 100, 250, 500 अंक के प्रश्नों के लीए अनिवार्य रूप से लिखने का प्रयास करें ) में परिचय लिखें, सामान्यतः परिभाषा, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, चर्चित व्यक्ति के कथन (Quote) आदि का प्रयोग किया जाता है, आपकी प्रस्तावना यह बताती है की आप ने प्रश्न से क्या समझा अथवा समझा या नहींप्रस्तावना की गुणवत्ता से ही आपके प्राप्तांक की रुपरेखा तय हो जाती है, (First Impression is last impression),
    मध्य भाग -     यह आपके उत्तर का मूल भाग होता है, इसमें पूछे गए प्रश्न का मूल उत्तर लिखा जाना चाहिए (1 या 2 पैराग्राफ में शब्द सीमा अनुसार ),
    समसामयिकी - उत्तर के तीसरे या चौथे ( सामान्यतः तीसरे ) पैराग्राफ में यदि प्रश्न से सम्बंधित कोई समसामयिक घटना / उपलब्धि आदि हो तो उसका अवश्य उल्लेख करें अथवा वर्तमान सन्दर्भ में आपके उत्तर की प्रासंगिकता बताएं,
       निष्कर्ष -        निष्कर्ष में आपके उत्तर का सार 2 या 3 लाइन में सीमित होना चाहिए, उत्तर से बाहर                       के निष्कर्ष ना लिखें, अंत हमेशा सकारात्मक, एवं बीच का (Diplomatic) होना                         चाहिए, भले ही पूछा गया प्रश्न कितना ही नकारात्मक क्यों ना हो, कृपया भावनाओं में ना बहें, यह भी एक टेस्ट है, आपके उत्तर में हमेशा सकारात्मकता
                    (Positive Attitude) दिखना चाहिए, आपका दृष्टिकोण हमेशा आशावादी होना
                        चाहिए निराशावादी नहीं

    उत्तर में तथ्यों एवं डाइग्राम , फ्लोचार्ट आदि के कारगर प्रस्तुति की दरकार होती है, जिसके आठ सिद्धांत हैं —

    1) मुख्य शब्दों को रेखांकित करें,

    2) अपने उत्तर में जो अद्यतन जानकारी (अपडेट्स) आपने शामिल की है, उसे रेखांकित करें,

    3) अपने प्रस्तुतीकरण को प्रभावशाली बनाने के लिए सरल डायग्राम्स, फ्लो चार्ट्स आदि बनाएँ, किंतु याद रखें, वे अनावश्यक न हों,

    4) उन डायग्राम्स, फ्लो चार्ट्स आदि की व्याख्या करनी चाहिए और उन्हें अस्पष्ट नहीं छोड़ा जाना चाहिए,

    5) हर थीम के कुछ महत्त्वपूर्ण शब्द होते हैं और परीक्षक आपसे उनका उल्लेख किए जाने की अपेक्षा रखता है,

    6) प्रश्न के वक्तव्य (स्टेटमेंट) को अपने उत्तर में कहीं एकीकृत करने का प्रयास करें. इससे आपका उत्तर संकेंद्रित (फोकस्ड) और सुगठित बनता है,

    7) परीक्षा से ठीक पहले अपने तीन-चार बहुमूल्य घंटे विषय के डायनेमिक पहलुओं को दें. इसमें नवीनतम जानकारी, रिपोर्ट्स, डायग्राम्स आदि शामिल हैं. अंतिम क्षणों में इन पर एक विहंगम दृष्टि मात्र डालना भी इन्हें जीवंत बना देता है और आपकी याददाश्त में ताजा कर जाता है (बशर्ते आपने उन्हें पहले पढ़ा हो), जिससे उन्हें परीक्षा में ज्यादा प्रामाणिकता से प्रस्तुत करना संभव होता है. यह काफी अंतर पैदा कर देता है.

    याद रखें :-

    "अधिक पढ़ाई नहीं, बल्कि उपयोगी पढ़ाई उत्कृष्टता की ओर ले जाती है."

    8. अपने उत्तर को और अधिक उपयोगी बनायें:

    यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके उत्तर में सही आवश्यक जानकारियां विद्यमान हैं, इसे सबसे संभव कारगर तरीके से विभाजित करें। उत्तर को और अधिक पठनीय प्रारूप में प्रदर्शित करने के लिए तालिका, चार्ट, चित्र और तथ्यों का प्रयोग करें। लेकिन उत्तर को अव्यवस्थित करने से बचें।

    9. पढ़ें और रिविज़न करें:

    दूसरों से बेहतर प्रदर्शन करने के दबाव में, स्पेलिंग में गलतियां और तार्किक त्रुटियां हो सकती हैं। यह सुनिश्चित करें कि आपने उत्तर को पूर्ण चिन्हित करने से पहले, इस पर एक नज़र डाल ली है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा में एक-एक अंक बहुत मायने रखता है।
    निष्कर्ष के तौर पर, UPSC सिविल सेवा मुख्य परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए, प्रत्येक विषय को ध्यान में रखते हुए आपको 2 घंटे की समय सीमा के तहत 20-25 प्रश्नों को हल करने की क्षमता को विकसित करना होगा।एवं 
    CGPSC राज्य सेवा परीक्षा में 2 घंटे में 32 - 38 प्रश्नों को , साथ ही उत्तर लिखने के लिए दिए गए स्थान के कमी को देखते हुए कम अंक वाले प्रश्न जैसे 2 अंक ( 30 शब्द ), 4 अंक ( 60 शब्द ) में की-वर्ड्स और फैक्ट आधारित उत्तर लिखने का प्रयास करे.
    "सुनिश्चित सफलता के लिए प्रत्येक टेस्ट अवश्य लिखें"
    स्वयं के अनुभव के आधार पर दिया गया सुझाव - चंद्रप्रकाश पात्रे , सीईओ @पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन
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