जल-विद्युत परियोजनाओं में विलंब से भूटान चिंतित
Sep 08, 2017
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2: शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध। (खंड-17: भारत एवं इसके पड़ोसी-संबंध।) |
चर्चा में क्यों ?
भूटान की अर्थव्यवस्था के लिये जल-विद्युत परियोजनाएँ महत्त्वपूर्ण हैं। भारत और भूटान के बीच जल-विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिये साझेदारी है। लेकिन कुछ कारणों से ये परियोजनाएँ निर्धारित समय पर पूरी नहीं हो पाई हैं। नई दिल्ली में आयोजित दो-दिवसीय भारत-भूटान वार्ता सम्मेलन में भूटान के वरिष्ठ विशेषज्ञों और अधिकारियों ने इस संबंध में चिंता व्यक्त करते हुए भारत का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है।
प्रमुख बिंदु
- भूटान के अधिकारियों का कहना है कि इन परियोजनाओं में हो रहे विलंब से उसका ऋण भार बढ़ता जा रहा है। अतः किसी नई परियोजना पर कार्य आरंभ करने से पहले इन लंबित पड़ी जल-विद्युत परियोजनाओं - मांगदेछु (Mangdechhu), पुनात्संग्छु -1 और 2 (Punatsangchhu-1 and 2) को पहले पूरा किया जाए।
- मांगदेछु जल-विद्युत परियोजना 720 मेगावाट की है और पुनात्संग्छु -1 और 2 प्रत्येक 1200 मेगावाट की जल-विद्युत परियोजनाएँ हैं।
- पिछले दो साल के निर्माण में 720 मेगावाट की मांगदेछु जल विद्युत परियोजना की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है और पुनात्संग्छु -1 और 2 की लागत तीन गुनी होने के साथ-साथ यह निर्धारित समय से पाँच वर्ष पीछे चल रही है।
- भारत ने भूटान को इन परियोजनाओं के लिये जो ऋण दिया है, वह जुलाई 2017 के अनुसार 12,300 करोड़ रुपए है जो भूटान के कुल कर्ज़ का 77% है और इसकी सकल घरेलू उत्पाद का 87% है।
- भारत ने भूटान को 30% अनुदान और 10% वार्षिक ब्याज पर 70% ऋण दिया है।
- दोनों देशों ने वर्ष 2020 तक जल-विद्युत उत्पादन में 10,000 मेगावाट का लक्ष्य रखा है।
- भूटान ने 1961 में अपनी पहली पंचवर्षिय योजना शुरू की थी और उसका लक्ष्य जल-विद्युत के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना है।
विलंब का कारण
- भारत द्वारा इन परियोजनाओं में विलंब का कारण भारत का ऊर्जा के मामले में अधिशेष होना है। इसके अलावा भारत सरकार अक्षय ऊर्जा के अन्य विकल्पों, जैसे पवन और सौर ऊर्जा को विकसित करने के प्रयास में लगी है।
भारत-भूटान वार्ता (India-Bhutan Dialogue)
- भारत-भूटान वार्ता में पर्यावरण, अवैध वन्यजीव व्यापार और सीमा-पार से नशीली दवाओं की तस्करी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देशों के संबंध 2018 में पचास वर्ष पूरे करेंगे।
स्रोत : द हिंदू
Source title : Debt, project delays worry Bhutan
Sourcelink:http://www.thehindu.com/news/national/hydropower-debt-delays-biggest-challenge-in-ties-with-india-say-bhutan-officials/article19630701.ece
Source title : Debt, project delays worry Bhutan
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