भारत में चिकित्सा प्रौद्योगिकी उद्योग की स्थिति
Sep 09, 2017
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2: शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध। (खंड-13: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।) |
चर्चा में क्यों ?
भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry) और डेलॉइट (Deloitte) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में चिकित्सा प्रौद्योगिकी (Medical technology ) उद्योग भारी वृद्धि की ओर बढ़ रहा है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर हालत कुछ और ही हैं। इस क्षेत्र में डॉक्टर-रोगी अनुपात आवश्यकता से कम है और स्वास्थ्य देखभाल के लिये आवश्यक चिकित्सकीय उपकरणों पर व्यय विश्व के कई देशों की तुलना में कम है।
क्या कहा गया है रिपोर्ट में ?
- रिपोर्ट के अनुसार भारत में चिकित्सा प्रौद्योगिकी उद्योग 4.9 अरब डॉलर का है और यह 17 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है।
- भारत चिकित्सकीय उपकरणों का बहुत बड़ा बाज़ार है परंतु इसका पूर्ण उपयोग नहीं हो पा रहा है।
- यदि इस दिशा में कार्य किया गया तो भारत को बाहर से इनकी आयात की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और एक समय के बाद भारत स्वयं निर्यात करने की स्थिति में पहुँच जाएगा।
चिकित्सा प्रौद्योगिकी का महत्त्व
- चिकित्सा प्रौद्योगिकी निदान, उपचार और निगरानी सहित स्वास्थ्य देखभाल के सभी क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
- दूरस्थ निदान और निगरानी, ई-आईसीयू और 3-डी प्रिंटिंग (E-ICUs and 3-D printing ) जैसी आधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकियाँ समता, सामर्थ्य, गुणवत्ता और निवारक स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद हमारी कर सकती हैं, जिन्हें भारत की नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 में भी शामिल किया गया है।
- इस क्षेत्र को सक्षम नियामक परिदृश्य, निवेश को प्रोत्साहित करने, विनिर्माण के लिये सही कार्यक्षेत्रों की पहचान करने और भारत के अनुकूल नवाचार और डिज़ाइन वाले उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
डॉक्टर-मरीज़ अनुपात ( Doctor-Patient ratio )
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति एक हज़ार जनसंख्या पर एक डॉक्टर है। इस मामले में भारत कई अन्य देशों से बहुत पीछे है।
- आबादी के अनुसार भारत को अपने अस्पतालों में वर्तमान में 3.6 मिलियन विस्तरों की आवश्यकता है।
- वर्तमान में भारत की मात्र 27 प्रतिशत जनता ही बीमा के दायरे में है और प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर व्यय 62.4 प्रतिशत है, जबकि विश्व औसत 18.2 प्रतिशत है।
नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 : एक नज़र
(टीम दृष्टि इनपुट)
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स्रोत : द हिंदू बिज़नेस लाइन
Source title : ‘Health tech stymied by low spending, poor infra’
Sourcelink:http://www.thehindubusinessline.com/economy/health-tech/article9852083.ece
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